March 19, 2024

Urea Subsidy Scheme: क्या आपको पता हैं यूरिया खरीदने के लिए सरकार दे रही 2700 रुपये, ऐसे उठाएं स्कीम का फायदा

Urea Subsidy Scheme

Urea Subsidy Schemeखरीफ फसल की शुरुआत में ही किसानों को खेत में यूरिया डालना होता है और इसी वजह से यूरिया की मांग ज्‍यादा होने से किसानों को आसानी से फर्टिलाइजर नहीं मिल पाता है. केंद्र सरकार (Central Governement) ने इस समस्‍या को दूर करने के लिए राष्ट्रव्यापी योजना बनाई है, जिससे किसानों को समय पर खाद मिल सके.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरिया कि कालाबाजारी से लगभग 6,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी सही किसानों को नहीं मिल पाई. इन्‍हीं बातो को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने अब यूरिया सब्सिडी स्‍कीम (Urea Subsidy Scheme) में बदलाव करने का फैसला लिया थ. जिससे सही किसानो तक यूरिया सब्सिडी (Urea Subsidy) पहुंचा पाए और उन्‍हें कम दाम पर ये खाद उपलब्‍ध हो सके.चलिए जानते हैं आप 2700 रुपये की सब्सिडी का लाभ आप कैसे ले सकते हैं? 

बैठ नहीं रही गणित (Urea Subsidy Scheme)


रसायन और उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि औद्योगिक उपयोग के लिए लगभग 13-14 लाख टन तकनीकी ग्रेड यूरिया की वार्षिक आवश्यकता है। जिसमें से देश में केवल 1.5 लाख टन का उत्पादन होता है। उद्योग 10 लाख टन से अधिक के आवश्यक स्तर के मुकाबले केवल दो लाख टन का आयात करता है।

10 लाख टन यूरिया के गलत इस्तेमाल की आशंका


हमारे अनुमान के मुताबिक, हर साल लगभग 10 लाख टन कृषि-ग्रेड यूरिया (Agriculture Grade Urea) का गलत इस्तेमाल या कालीबाजारी की जा रही है। सब्सिडी वाले यूरिया को मुख्य रूप से उद्योगों को दिया जा रहा है। कुछ मात्रा पड़ोसी देशों को जाती है।

केंद्र से मिलती है सब्सिडी (Urea Subsidy Scheme)


केंद्र (Central Governement) किसानों को 266 रुपये प्रति बोरी (45 किलो) की अत्यधिक रियायती दर पर यूरिया (Urea) प्रदान करता है. सरकार को इसके कारण यूरिया पर प्रति बोरी 2,700 रुपये से अधिक के सब्सिडी खर्च (Urea Subsidy) को वहन करना होता है. 

यूरिया का गलत इस्तेमाल 


आपको बता दे कि देश में हर साल लगभग 10 लाख टन कृषि-ग्रेड यूरिया का गलत इस्तेमाल या कालीबाजारी (Blackmarketing Of Urea) की जा रही है. सब्सिडी वाले यूरिया को मुख्य रूप से उद्योगों को दिया जा रहा है. इसके बाद कुछ मात्रा पड़ोसी देशों को जाती है. इसके कारण करीब 6,000 करोड़ रु की सब्सिडी का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता.

100 करोड़ की सब्सिडी किसानों तक नहीं पहुंची! (Farmers subsidy) 

राज्यों और विभिन्न केंद्रीय प्राधिकरणों के साथ उर्वरक विभाग ने दोषी इकाइयों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई शुरू कर दी है. पिछले कुछ महीनों के दौरान लगभग 100 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की सब्सिडी गलत लोगों के पास गई है.

ऐसे होता है यूरिया का उपयोग


यूरिया का उपयोग विभिन्न उद्योगों जैसे राल या गोंद, प्लाईवुड, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, मवेशी चारा, डेयरी और औद्योगिक खनन विस्फोटकों में किया है. कृषि-ग्रेड यूरिया नीम-लेपित है जबकि तकनीकी-ग्रेड यूरिया नहीं है. कुछ रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से नीम की कोटिंग को हटा दिया है और फिर यूरिया का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया है.

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