September 7, 2024

RBI GUIDELINES FOR BANKS : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नया गाइडलाइन जारी, बचत खाता में इतनी राशि जमा कर दी तो लग जायेगा 60% टैक्स

RBI GUIDELINES FOR BANKS

RBI GUIDELINES FOR BANKS : बैंक में सेविंग्‍स अकाउंट आज के समय में सभी के लिए जरूरी है. तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक अकाउंट होना जरूरी है, तो वहीं डिजिटल ट्रांजैक्‍शंन भी बैंक अकाउंट के बिना नहीं हो सकता. हमारे देश में बैंक अकाउंट खुलवाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं है, यही कारण से एक-एक व्‍यक्ति के पास दो या इससे ज्‍यादा बैंक अकाउंट हैं.

बचत खाता में आपका पैसा सुरक्षित भी रहता है और समय-समय पर बैंक इस जमा रकम पर ब्‍याज भी देता है. नियम के मुताबिक जीरो बैलेंस अकाउंट को छोड़कर बाकी सभी में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है, वरना बैंक आपसे पेनल्‍टी वसूलता है. लेकिन सेविंग्‍स अकाउंट में मैक्सिमम कितना पैसा रखा जा सकता है, इसके बारे बात नहीं होती.

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जानिए कितनी राशि बचत खाता में रख सकते हैं आप?

जानकारी के लिए आपको बता दे की नियम के मुताबिक आप अपने बचत खाता में कितना भी पैसा रख सकते हैं. इसको लेकर कोई लिमिट नहीं बनाई गई है. लेकिन अगर आपके अकाउंट में जमा रकम ज्‍यादा है और वो इनकम टैक्स के दायरे में आती है, तो आपको उस कमाई का स्रोत (RBI GUIDELINES FOR BANKS)बताना पड़ेगा. इसके अलावा बैंक ब्रांच में जाकर नकद पैसा जमा करने और नकद पैसा निकालने की सीमा निर्धारित है. लेकिन चेक के माध्यम से या ऑनलाइन माध्यम से आप 1 रुपए से लेकर हजार, लाख, करोड़ कितने भी रुपए सेविंग अकाउंट में जमा कर सकते हैं.

रुपया जमा करने के लिए ये हैं नियम

अगर आप बचत खाता में 50,000 (पचास हज़ार) रुपए या इससे ज्‍यादा नकद पैसा बैंक में जमा करते हैं तो आपको साथ में पैन कार्ड नंबर भी देना होगा. वहीं एक दिन में आप एक लाख रुपए तक नकद जमा कर सकते हैं. साथ ही अगर आप नियमित रूप से अपने खाते में नकदी जमा नहीं कराते हैं तो यह सीमा 2.50 लाख रुपए तक हो सकती है. इसके अलावा एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपए तक कैश अपने अकाउंट में जमा कर सकता है. ये लिमिट टैक्सपेयर्स के लिए एक या एक से अधिक खातों को लेकर समग्र रूप से होती है.

10 लाख से ज्‍यादा जमा पर आयकर विभाग की नजर

अगर बचत खाताधारी एक व्‍यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए से ज्‍यादा नकद रुपया जमा करता है तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होती है. ऐसे में व्‍यक्ति को इस इनकम का स्रोत बताना होता है. अगर वो व्‍यक्ति स्रोत के बारे में आयकर रिटर्न में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाया तो वो आयकर विभाग की रडार पर आ सकता है और उसके खिलाफ जांच हो सकती है. पकड़े जाने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर व्‍यक्ति आय के स्रोत के बारे में नहीं बताता है तो जमा राशि पर 60 फीसदी टैक्‍स, 25 फीसदी सरचार्ज, और 4 फीसदी सेस लग सकता है.

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