April 24, 2024

Smartphone का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो हो जाइए सावधान! नई रिसर्च में हुआ ऐसा खौफनाक खुलासा!

Smartphones And Teenage Depression

Smartphones And Teenage Depression : आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करता होगा. बीतते समय के साथ हमारे स्मार्टफोन पर हमारी निर्भरता बढ़ती चली जा रही है. हमारा हर छोटा-बड़ा काम हमारे स्मार्टफोन के माध्यम से पूरा हो जाता है. हाल ही में, सैपिएन लैब्स (Sapien Labs) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसने यूजर्स के बीच बवाल मचा दिया है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

Sapien Labs ने जारी की नई रिपोर्ट


Sapien Labs ने हाल ही में एक रिसर्च कन्डक्ट की जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है. इस रिसर्च को करने वाले यूजर्स का यह कहना है कि 18 से 24 साल के युवाओं के बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health Problem) की एक बड़ी वजह स्मार्टफोन का इस्तेमाल हो सकता है.

Read Also : Cryptocurrency News : 2023 में ये 10 क्रिप्टोकरेंसी कर सकती हैं मालामाल

रिपोर्ट के हिसाब से जब पहले इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता था, 18 साल के होने तक में लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ 15 हजार से 18 हजार घंटे बिता चुके होते थे. अब ये समय कम होकर 1,500 से 5 हजार घंटे हो गया है.

रिपोर्ट में हुआ खौफनाक खुलासा (Smartphones And Teenage Depression)


Sapien Labs की रिपोर्ट में हुए जिस खौफनाक खुलासे की हम बात कर रहे हैं, आइए उस बारे में जानते हैं. इस रिसर्च के वैज्ञानिकों को ऐसा लगता है कि जो लोग ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आने लगते हैं.

Sapien Labs के प्रमुख वैज्ञानिक, तारा थिआगराजन का ऐसा मानना है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल लोगों में इतना बढ़ गया है कि इसके चलते लोग आपस में बातचीत करना भूल चुके हैं. जब लोग आपस में मिलते नहीं हैं, तो वो चेहरे के भावों को पढ़ने में, शरीर के हाव-भाव को समझने में, लोगों की भावनाओं पर ध्यान देने में और असल जिंदगी में परेशानियों को सुलझाने में सक्षम नहीं होते हैं.

Read Also : इस सस्ती SUV की जबर्दस्त डिमांड, कीमत 6 लाख से कम, कंपनी की सेल 100% बढ़ी

यही वजह है कि वो समाज से जुड़ाव नहीं महसूस कर पाते हैं और फिर उनके मन में आत्मत्या जैसे ख्याल आते हैं. आपको बता दें कि इस रिसर्च में कुल मिलाकर 34 देशों से डेटा इकट्ठा किया गया है और ये देखा गया है कि स्मार्टफोन्स पर लोगों की निर्भरता 2010 से ही शुरू हो गई है. हमारा आपको ही यही सुझाव है कि अपने स्मार्टफोन के गुलाम न बनें और खुद इस बात का ध्यान रखें कि आपको दिन में कितना समय अपने फोन पर लगाना चाहिए.

Leave a Reply